क्या पता था हमें, सपने भी बिकते हैं जनाब यहाँ... क्या पता था हमें, सपने भी बिकते हैं जनाब यहाँ...
कौन-से सपना, जलता देखना पड़ जाए...! कौन-से सपना, जलता देखना पड़ जाए...!
सोचा था जिसे आस, वो तो ख्वाब निकला। सोचा था जिसे आस, वो तो ख्वाब निकला।
मैं इस देश का जवान हूँ...! मैं इस देश का जवान हूँ...!
न वफ़ाओं की है कोई सीमा, न ख्वाबों की दहलीज़ है...! न वफ़ाओं की है कोई सीमा, न ख्वाबों की दहलीज़ है...!
सपने जो सोने ना दें, सपने जो थकने ना दें...! सपने जो सोने ना दें, सपने जो थकने ना दें...!